EPFO New Withdrawal Rules: 7 करोड़ सदस्यों की मौज! 100% PF निकालने की मिली छूट, अब सिर्फ 3 नियम, जानें पूरा प्रोसेस

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने अपने 7 करोड़ से अधिक सदस्यों के लिए दिवाली से पहले बड़ा तोहफा दिया है। श्रम मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में केंद्रीय न्यासी मंडल (CBT) ने EPFO New Withdrawal Rules को हरी झंडी दी है, जिससे अब सदस्य विशेष परिस्थितियों में अपनी भविष्य निधि में जमा राशि का 100% तक पैसा निकाल सकेंगे। 13 जटिल प्रावधानों को तीन आसान श्रेणियों में समेटने और न्यूनतम सेवा अवधि को घटाकर सिर्फ 12 महीने करने से, अब शिक्षा, विवाह या बीमारी जैसी जरूरतों के लिए PF से आंशिक निकासी (Partial Withdrawal) करना पहले से कहीं ज्यादा सरल और झंझटमुक्त हो गया है।

EPFO New Withdrawal Rules: 7 करोड़ सदस्यों की मौज! 100% PF निकालने की मिली छूट, अब सिर्फ 3 नियम, जानें पूरा प्रोसेस

EPFO New Rules: 7 करोड़ सदस्यों की मौज, 100% तक PF निकालने की मिली छूट

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने भारत के 7 करोड़ से अधिक नौकरीपेशा सदस्यों को अभूतपूर्व राहत प्रदान करते हुए आंशिक निकासी के नियमों को पूरी तरह से सरल बना दिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में यह ऐतिहासिक फैसला लिया गया, जिसका सीधा उद्देश्य 'ईज़ ऑफ लिविंग' को बढ़ाना और सदस्यों को अपनी तात्कालिक वित्तीय जरूरतों को पूरा करने की आजादी देना है। इस बड़े सुधार के बाद, EPFO New Withdrawal Rules के तहत अब सदस्य कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के हिस्से सहित अपनी जमा राशि का 100% तक पैसा निकाल सकते हैं।

13 कठिन नियम नहीं, अब सिर्फ 3 आसान श्रेणियाँ

PF से आंशिक निकासी के लिए पहले जो 13 अलग-अलग और जटिल प्रावधान थे, उन्हें अब खत्म करके केवल तीन मुख्य और सरल श्रेणियों में समेटा गया है, जिससे निकासी की प्रक्रिया बेहद आसान हो गई है। यह बदलाव लाखों कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है।

  1. आवश्यक जरूरतें (Essential Needs): इसमें बीमारी (Sick leave), शिक्षा (Education) और विवाह (Marriage) जैसे कारण शामिल हैं।
  2. हाउसिंग जरूरतें (Housing Needs): मकान निर्माण, खरीद या होम लोन चुकाने से संबंधित खर्चे।
  3. विशेष परिस्थितियां (Special Circumstances): इस कैटेगरी में सबसे बड़ा बदलाव किया गया है। अब सदस्य को प्राकृतिक आपदा, महामारी (Pandemic) या बेरोजगारी जैसे मामलों में निकासी के लिए कारण बताने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे दावों के अस्वीकृत होने की संभावना लगभग खत्म हो जाएगी।

न्यूनतम सेवा अवधि घटी और अन्य बड़े फायदे

EPFO New Rules के तहत निकासी की शर्तों को भी काफी उदार बनाया गया है।

  • सेवा अवधि में कटौती: सभी प्रकार की आंशिक निकासी के लिए न्यूनतम सेवा अवधि को 5 साल से घटाकर केवल 12 महीने कर दिया गया है। यह उन नए कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण लाभ है जिन्हें अब कम समय में भी वित्तीय सहायता मिल सकती है।
  • निकासी की सीमा बढ़ी: शिक्षा के लिए निकासी की सीमा को 10 गुना और विवाह के लिए 5 गुना तक बढ़ाया गया है।
  • 25% मिनिमम बैलेंस: यह सुनिश्चित किया गया है कि सदस्य अपनी अंशदान राशि का कम से कम 25% हमेशा शेष राशि के रूप में बनाए रखें। यह नियम सुनिश्चित करता है कि सदस्यों को 8.25% की उच्च वार्षिक ब्याज दर और चक्रवृद्धि (Compounding) लाभ मिलता रहे, जिससे उनका रिटायरमेंट फंड सुरक्षित बना रहे।

"विश्वास योजना" और डिजिटल पहल को मंजूरी

CBT ने अन्य कई महत्वपूर्ण पहलों को भी मंजूरी दी है, जो EPFO की सेवाओं को आधुनिक और कुशल बनाएंगी:

  • 'विश्वास योजना': भविष्य निधि अंशदान में देरी पर लगने वाले दंड (Penalty) को कम करने और लंबित मुकदमों को निपटाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत अर्थदंड की दर को 1% प्रति माह तक सीमित किया गया है।
  • पेंशनर्स के लिए सुविधा: 'इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक' (IPPB) के साथ MoU को मंजूरी मिली है, जिसके तहत EPS-95 पेंशनधारकों को घर बैठे ही डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र (DLC) जारी किया जा सकेगा, जिसका शुल्क EPFO वहन करेगा।
  • EPFO 3.0 डिजिटल फ्रेमवर्क: सेवाओं को आधुनिक बनाने के लिए 'EPFO 3.0' डिजिटल परिवर्तन की रूपरेखा को मंजूरी दी गई, जिसका लक्ष्य दावों को तेजी से और स्वचालित (Automatic) रूप से निपटाना है।

इन सभी फैसलों का उद्देश्य करोड़ों EPFO सदस्यों को उनकी तत्काल जरूरतों के लिए पैसा निकालने की आजादी देना और साथ ही उनके रिटायरमेंट फंड की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। EPFO New Withdrawal Rules को लागू कर सरकार ने कर्मचारियों के "ईज़ ऑफ लिविंग" में बड़ा सुधार किया है।

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