आगामी बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनावी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं, और हालिया ओपिनियन पोल रिपोर्ट्स (Opinion Poll Reports) ने राज्य के राजनीतिक समीकरणों में एक बड़ा बदलाव दिखाया है। चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद, जारी हुए नवीनतम सर्वेक्षणों से पता चलता है कि सत्ताधारी एनडीए (NDA) और विपक्षी महागठबंधन (Mahagathbandhan) के बीच कांटे की टक्कर है। हालांकि, सबसे चौंकाने वाला आंकड़ा मुख्यमंत्री (CM) पद के लिए मतदाताओं की पहली पसंद को लेकर आया है। जहां राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के युवा नेता तेजस्वी यादव जनता की पसंदीदा CM चेहरे के रूप में अपनी बढ़त बरकरार रखे हुए हैं, वहीं प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) की 'जन सुराज' भी एक तीसरी शक्ति बनकर उभरी है, जिससे वर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए चुनौती बड़ी हो गई है। यह Bihar Chunav 2025 Opinion Poll Report संकेत देता है कि बिहार की राजनीति अब दो-ध्रुवीय न रहकर त्रिकोणीय मुकाबले की ओर बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री की दौड़: तेजस्वी यादव का बढ़ता ग्राफ
लेटेस्ट बिहार चुनाव 2025 ओपिनियन पोल के अनुसार, मुख्यमंत्री पद के लिए मतदाताओं की पहली पसंद के रूप में तेजस्वी यादव लगातार आगे चल रहे हैं। विभिन्न सर्वेक्षणों में उन्हें 35% से अधिक लोगों का समर्थन मिला है, खासकर युवाओं और आरजेडी के पारंपरिक वोट बैंक के बीच उनकी लोकप्रियता साफ दिखती है। अपनी युवा छवि, रोजगार के वादे और भ्रष्टाचार मुक्त शासन के फोकस के कारण CM पसंदीदा में तेजस्वी आगे हैं। यह ट्रेंड दर्शाता है कि मतदाता अब नीतीश कुमार के लिए चुनौती बड़ी होती जा रही है, क्योंकि उनकी लोकप्रियता का ग्राफ धीमा होता दिख रहा है।
नीतीश कुमार के लिए 'ट्रिपल थ्रेट' चुनौती
करीब दो दशकों तक बिहार के राजनीतिक केंद्र में रहने वाले नीतीश कुमार इस चुनाव में अपने राजनीतिक करियर की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक का सामना कर रहे हैं। उनके लिए यह 'ट्रिपल थ्रेट' चुनौती है:
- एंटी-इनकम्बेंसी (Anti-Incumbency): लगभग दो दशकों की सत्ता विरोधी लहर का सामना करना।
- तेजस्वी यादव का उदय: एक युवा और आक्रामक नेता का CM पद की रेस में आगे होना।
- प्रशांत किशोर फैक्टर: राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर की 'जन सुराज' पार्टी ने एक महत्वपूर्ण वोट शेयर (लगभग 12-15%) हासिल किया है, जिससे NDA और महागठबंधन दोनों के वोट कट रहे हैं।
यह लॉन्गटेल कीवर्ड (longtail keyword) एनालिसिस स्पष्ट रूप से बताता है कि सत्ता बरकरार रखने के लिए बिहार चुनाव 2025 में NDA को कड़ी मेहनत करनी होगी।
सीटों का गणित और वोट शेयर का अनुमान
सीटों के अनुमानों में NDA (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) और महागठबंधन (महागठबंधन) के बीच कांटे की टक्कर दिख रही है, जिसमें NDA को मामूली बढ़त मिलने की संभावना है। हालांकि, यह बढ़त बहुत मामूली है और प्रशांत किशोर की पार्टी, जो 10 से 15% वोट शेयर हासिल कर सकती है, किसी भी गठबंधन के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकती है। विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार, Bihar Chunav 2025 Opinion Poll Report बताती है कि NDA को लगभग 40-42% वोट शेयर, महागठबंधन को 38-40% वोट शेयर, और जन सुराज को 12-15% वोट शेयर मिल सकता है।
यह ट्रेंड इस बात का संकेत है कि जनता अब CM पसंदीदा में तेजस्वी आगे होने के बावजूद भी, सीट आवंटन और गठबंधन की रणनीति पर पैनी नजर रख रही है। अंततः कौन सत्ता में आएगा, यह अंतिम चरण के मतदान और छोटे दलों के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा, जिससे नीतीश कुमार के लिए चुनौती बड़ी बनी हुई है। बिहार चुनाव 2025 का यह मुकाबला निःसंदेह एक ऐतिहासिक और निर्णायक चुनाव होगा।
Wao good information
जवाब देंहटाएं